स्वामी जी ने कहा:-
जयगुरुदेव
एक आदमी मेरे पास आया और मुझसे कहने लगा कि एक पण्डित ने मुझको बताया है कि मैं मर जाऊँगा। मैंने उसको समझाया कि उसने कैसे कहा? अब तुम उसकी बात मानो तो मानो पर वह झूठ बोला क्योंकि अभी तो तुम रहोगे। मैंने उससे ये भी कहा है कि जब तुम मरोगे हम तुम्हारे पास रहेंगे। वह फिर बोला कि एक पण्डित ने कहा है कि अभी तुम बीस साल तक रहोगे। मैंने कहा कि तुम्हारी बात खत्म। तुम्हारा विश्वास खत्म, तुम उस पर विश्वास करो। कहने का ये कि जब तुमसे कुछ कहा जाता है तो तुम उसे काटकर अपनी बात करने लगते हो। तुम अपनी कमर में तो संसार बांधे रहते हो और कहते हो कि हम भजन करते हैं। अगर भजन करते होते तो तुम कुछ के कुछ हो जाते। वचनों को समझते। तुम्हें बस यह है कि परमार्थ मिले न मिले संसार मिल जाए। तुम अपने निशाने पर रहते हो। तुम उनके निशाने पर आ जाओ तो दया हो जाएगी क्योंकि वो तो दया के सागर हैं।
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