स्वामी जी ने कहा:-

                   जयगुरूदेव



तुम्हें घबड़ाने की जरुरत नही है ऊपर की चढ़ाई धीरे-धीरे होती है परन्तु ऊपर से नीचे गिरना क्षण भर में होता है काम में लिप्त होना ध्यान का एकाएक नीचे गिर जाना है।जब शब्द धुन प्रगट होगी।और नाम मे रस आने लगेगा तब काम गायब हो जायेगा।ध्यान को ऊपर उठाने का काम स्वयं ही वश में आ जाता है तुम अपनी साधना में लगे गुरु की मौज पर सब कुछ छोड़ दो।

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